मध्य प्रदेश

Shahdol news, आईएएस अधिकारी का आदेश हुआ हवा हवाई, नहीं मिला स्वतंत्र समिति को प्रभार।

Shahdol news, आईएएस अधिकारी का आदेश हुआ हवा हवाई, नहीं मिला स्वतंत्र समिति को प्रभार।

 

शहडोल। आईएएस अधिकारी सोहागपुर के एसडीएम अरविंद शाह के द्वारा 13 जुलाई को इस आशय का नोटिस मोहन राम मंदिर ट्रस्ट के सेक्रेटरी रहे लव कुश शास्त्री को दिया गया था कि वह तीन दिन के अंदर मंदिर ट्रस्ट का प्रभार मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश में गठित स्वतंत्र समिति को सौंप दें ।उन्होंने यह भी लिखा था इस बात की पुष्टि कर ली गई है की स्वतंत्र समिति वर्तमान में मोहन राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकृत कमेटी है। जिसका प्रशासनिक प्रभार स्वतंत्र समिति को नहीं मिलने से लंबे समय से मंदिर ट्रस्ट के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। आईएएस अधिकारी अरविंद शाह ने प्रभार देने के लिए तीन दिन का अवसर दिया था। किंतु 20 दिन बाद भी मंदिर ट्रस्ट का समस्त प्रभार स्वतंत्र समिति को मोहन राम मंदिर कैंपस में अवैध रूप से रह रहे लव कुश शास्त्री द्वारा नहीं सौंपा गया है।

समिति को प्रभार नहीं लिए जाने और अतिक्रमण के कारण मोहन राम मंदिर ट्रस्ट में स्थित शिव पार्वती मंदिर का छत क्षतिग्रस्त होकर कभी भी गिर सकता है। शिव पार्वती मंदिर की छत जर्जर हो जाने की सूचना दो साल पहले शिव पार्वती मंदिर की पुजारी अनिल गौतम द्वारा एसडीएम के समक्ष दी गई थी। साथ ही सभी स्वतंत्र समिति के सदस्यों को भी इस बात की जानकारी दी गई थी । किंतु स्वतंत्र समिति के द्वारा शिव पार्वती मंदिर को संरक्षित किए जाने की बजाय मंदिर के राजस्व का दुरुपयोग करते हुए बिना किसी उद्देश्य के लवकुश शास्त्री के दबाव में खाली मैदान में दिवाल खड़ी कर दी गई है। जिसमें मंदिर ट्रस्ट की आय के अलावा लाखों रुपए चंदा भी एकत्र किया गया था किंतु शिव पार्वती मंदिर के छत निर्माण हेतु कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है।

मंदिर सूत्रों का कहना है की लव कुश शास्त्री जानबूझकर शिव पार्वती मंदिर को क्षतिग्रस्त करने पर हमारा है उसका मानना है की पंडित अनिल गौतम, शिव पार्वती मंदिर के पंडित मोहन राम पांडे द्वारा नियमित किए गए पुजारी परिवार के हिस्सा है और लव कुश शास्त्री और उसके साथी मोहन राम पांडे के परिवार को मोहन राम मंदिर ट्रस्ट में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहता। ताकि उनका एकाधिकार मंदिर में बना रहे। इसलिए शिव पार्वती मंदिर के छत के निर्माण पर अनेक बाधा उत्पन्न कर रहा है। मंदिर ट्रस्ट का प्रभार ना देना उसकी सुनियोजित योजना है।

बहरहाल वर्तमान सत्य है की धर्म के पाखंड से प्रशासनिक अधिकारी भयभीत हैं इसीलिए तीन-तीन बार अलग-अलग एसडीएम द्वारा प्रभार की नोटिस दिए जाने के बाद जो भी हाई कोर्ट के द्वारा निर्देशित स्वतंत्र समिति को प्रभाव नहीं दिला पा रहे हैं देखना होगा आइएएस अधिकारी अरविंद साह अपनी योग्यता का उपयोग करके स्वतंत्र समिति को प्रभार दिला पाते हैं अथवा वह भी दबाव व भयभीत होकर मंदिर ट्रस्ट का अवैध संचालन को संरक्षण देते हैं…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button